गुरुवार, 14 नवंबर 2013

क्या आपको अपने बच्चो के लिए ऐसा चाचा चाहिए ?

भारत के सबसे निर्लज व्यक्ति का अगर नाम लिया जाए तो जवाहर लाल नेहरू का नाम सबसे पहले आएगा। लड़कियों के साथ रंगलियाँ मनाना,ठर्रे लगाना इनका शौक था।  विदेश में पढ़कर आए नेहरू पुरी तरह उसी में लिपटे थे उसका सपना भी एक ऐसे ही भारत (INDIA) के निर्माण का था ।

इन जनाब की सबसे बड़ी खासियत ये थी कि ये कभी अपने दिमाग का उपयोग नहीं करते थे। महात्मा गाँधी की अति कृपा दृष्टि से आपको भारत के प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ कश्मीर समस्या भी आप की ही देन है ।

गाँधी कृपा से हर्षित नेहरू ने एक बार गाँधी सम्मान में कहा -" ओह दैट आफुल ओल्ड हिपोक्रेट " Oh, that awful old hypocrite - ओह ! वह ( गांधी ) भयंकर ढोंगी बुड्ढा. यही नेहरू का गाँधी सम्मान का सबसे बड़ा उदाहरण है।


देखिए चाचा के जीवन के कुछ मनमोहक पल
     




जवाहरलाल जिसे हम सभी चाचा नेहरु के नाम से जानते हैं, उनके प्रेम के रहस्यमय सम्बन्ध अनेक कन्याओं से थे, जिनमें एक बनारस की लड़की भी थी । जवाहर लाल नेहरु, धुम्रपान, मदिरा पान के अलावा, कई किशोरवय की लड़कियों से भी सम्बन्ध रखते थे। उनका सबसे ‘चर्चित गुप्त प्रेम सम्बन्ध’ रहा लार्ड माउंट बैटन की पत्नी एडविना बैटन के साथ। हिन्दुस्तान की आज़ादी और उनके प्रधानमन्त्री बनने के बाद भी यह प्रेम प्रसंग जारी रहा। एडविना को नेहरु १९४८-१९६० तक लगातार पत्र लिखते रहे थे। उन प्रेम पत्रों में गुलाब की पंखुड़ियां भी हुआ करतीं थीं। अगर उन पत्रो को इकट्ठा करके तौला जाए तो उनका वजन ५-६ पाउंड वजन हो ही जाएगा मतलब लगभग २ किलो। तो ये हाल नए-नए राष्ट्र के नए-नए प्रधानमन्त्री का था। ऐसी लगन वाले प्रेमी थे हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री जी :)

इसके अलावा नेहरू का प्रेम सम्बन्ध सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू के साथ भी था,  जिन्हें नेहरु ने बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया था । कहते हैं नेहरु अपने बेडरूम में पद्मजा नायडू की तस्वीर भी रखा करते थे, जो इंदिरा को पसंद नहीं था और वो अक्सर वो तस्वीर उनके कमरे से बाहर फैंक देती थी और तब यह तस्वीर दोनों बाप-बेटी के बीच तनाव का कारण बन जाती थी।

कहते हैं, इसके अलावा बंगलौर के एक कान्वेंट में श्रद्धा माता नामक एक सन्यासिन से भी उनके सम्बन्ध थे, यहाँ तक कहा जाता है कि, एक बेटा पैदा हुआ था और वह एक ईसाई मिशनरी बोर्डिंग स्कूल में रखा गया था, बच्चे की जन्म की तारीख से ३० मई, १९४९ बतायी जाती है…

भारत की स्वाधीनता में नेहरु का कितना हाथ था ? ये कहना ज़रा मुश्किल है, क्योंकि उनका ज्यादातर वक्त तो बीतता था एडविना के साथ हनीमून मानाने में, कभी शिमला तो कभी और कहीं।

इसमें गलती नेहरू की नहीं है दरसल उनका जन्म ही इतनी गंदी जगह हुआ था कि स्वभाव गंदा तो होना ही था ।

नेहरू का जन्म स्थल है ७७ मीरगंज, इलाहबाद। यह पुरे इलाके का नामी गिरामी वेश्यालय है। ऐसा नहीं कि ये जगह हाल-फिलहाल वेश्यालय बना है, यह स्थान वेश्यालय नेहरु के जन्म से पहले से ही है। जवाहर के पिता मोतीलाल ने अपने ही घर का आधा हिस्सा ‘लाली जान’ नामक वेश्या को बेच दिया था। तब से यहाँ वेश्यालय है। ये जगह अभी इमामबाड़ा के नाम से जानी जाती है किसी को भी शक हो तो जाकर देख सकता है ।
और यहाँ से जाने के बाद नेहरू एंड़ फैमेली "आनंद भवन" बस गए ।

ऐसे थे पहले प्रधानमंत्री जी और हमारे देश के बच्चो के प्यारे चाचा ।

सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत


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