गुरुवार, 26 दिसंबर 2013

गौहत्या पर प्रतिबंध के खिलाफ गाँधी

भारत को अस्थिर करने की योजना का एक भाग के रूप में गौ हत्या शुरू की गई। भारत में पहली क़साईख़ाना 1760 में शुरू किया गया था, एक क्षमता के साथ प्रति दिन 30,000 (हज़ार तीस केवल), कम से कम एक करोड़ गायों को एक साल में मारा गया ! एक सवाल के जवाब में गाँधी ने कहा था कि जिस दिन भारत स्वतंत्रत हो जायेगा उसी दिन से भारत में सभी वध घरों को बंद किया जाएगा, 1929 में एक सार्वजनिक सभा में नेहरू ने कहा कि अगर वह भारत का प्रधानमंत्री बने तो वह पहला काम इन कसाईखानो को बंद करने का करेंगे, आज़ादी के बाद से अब तक 75 करोड़ से अधिक गायों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। 1947 के बाद से संख्या 350 से 36,000 तक बढ़ गई है सरकार की अनुमति से 36,000 कतलखाने चल रहे हैं इसके इलावा जो अवैध रूप से चल रहे हैं वो अलग है उनकी संख्या की कोई पूरी जानकारी नहीं है।

15 अगस्त 1947 को भारत के आजाद होने पर देश के कोने – कोने से लाखों पत्र और तार प्रायः सभी जागरूक व्यक्तियों तथा सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा भारतीय संविधान परिषद के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के माध्यम से गाँधी को भेजे गये जिसमें उन्होंने मांग की थी कि अब देश स्वतन्त्र हो गया हैं अतः गौहत्या को बन्द करा दो ।

तब गाँधी ने कहा कि - " हिन्दुस्तान में गौ-हत्या रोकने का कोई कानून बन ही नहीं सकता । इसका मतलब तो जो हिन्दू नहीं हैं उनके साथ जबरदस्ती करना होगा । " – ' प्रार्थना सभा ' ( 25 जुलाई 1947 )



अपनी 4 नवम्बर 1947 की प्रार्थना सभा में गाँधी ने फिर कहा कि - "भारत कोई हिन्दू धार्मिक राज्य नहीं हैं , इसलिए हिन्दुओं के धर्म को दूसरों पर जबरदस्ती नहीं थोपा जा सकता । मैं गौ सेवा में पूरा विश्वास रखता हूँ , परन्तु उसे कानून द्वारा बन्द नहीं किया जा सकता ।"

इससे स्पष्ट हैं कि गाँधी की गौ रक्षा के प्रति कोई आस्था नहीं थी । वह केवल हिन्दुओं की भावनाओं का शौषण करने के लिए बनावटी तौर पर ही गौ रक्षा की बात किया करते थे , इसलिए उपयुक्त समय आने पर देश की सनातन आस्थाओं के साथ विश्वासघात कर गये ।

2 टिप्‍पणियां:

  1. गौ हत्यारे की जीभ काट और उसके दोनो हाथ काटने का कानून होना चाहिए और साथ देने बाले का भी यही हस्र करना चाहिए। कृष्ण हिन्दू।

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    1. भारत की सदा सेकुलर सरकार जब तक है तब तक तो यह नहीं होगा । इसके लिए हमें अटल जी जैसे व्यक्तित्व को सत्ता में लाना होगा ।

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